तुमसे दूर रहकर अब मुझे जिना नहीं आता....!!! Sad love poem

तुमसे दूर रहकर जो दिन गुजरते है ना जाना,
जिंदगी में उन दिनों का कोई वजूद नहीं होता।

यूं तो दिल की धड़कनों से चलती है मेरी सांसें,
पर इन धड़कनों में तब कोई एहसास नहीं होता।

चलते रहते हैं जेहन में बस एक तेरी ही खयाल,
तेरे सिवा जेहन में और कोई खयाल नहीं होता।

चला जाता हूं उन जगहों पर जहां हम मिले थे,
बिती यादों के सिवा वहां तेरा निसान नहीं होता।

सोचता हूं लिख दूं आज तेरी चाहत पे कोई नज्म,
मगर तेरी जुदाई में शब्दों में कोई भाव नहीं होता।

फुरकत के लम्हें बड़ी मुश्किल से कटते हैं जाना,
बस तुमसे दूर रहकर अब मुझे जिना नहीं आता।

प्रभात............
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

Comments

  1. Dear friend, Pravin, Hallo Lovely sweet good Night to you and all friends, DIL KA JAKHMO SA LABZO KA ZAREYA MOTIYO SE YADGAR DILKASH PASKAS, MADHUR DILKO CHHUTI MADHUR RACHANA!!! DHANYAD AND JAISHREEKRISHANA FRIEND.

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    1. शुक्रिया दोस्त बहुत खूब
      शुभ रात्रि 😊🙏

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  2. Replies
    1. शुक्रिया आपका जी 🌹😊

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