हमें खुद को पहचानना पड़ता है.....!!! Hindi suvichar

एक नाविक बनने के लिए,
समंदर में उतरना पड़ता है...!

हर दुआ कबूल होने के लिए,
रब पर भरोसा रखना पड़ता है...!

नफ़रत के साये हो तो,
मोहब्बत का चिराग जलाना पड़ता है...!

कोई साथ दे या ना दे हमारा,
हमें खुद का हमसफ़र बनना पड़ता है...!

बेशक जंग लगे हो दरवाजे,
पर खोलने का प्रयास हमें करना पड़ता है...!

जित हो हमारी तो अच्छा है,
पर सिखने के लिए तो कभी हारना भी पड़ता है...!

कितना भी कर लो प्रयास,
सफलता का पहला नियम जानना पड़ता है...!

लोगों को पहचानने से पहले,
हमें खुद को पहचानना पड़ता है...!

प्रभात............

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem