खुद को समझ लीजिए......!!! Hindi suvichar

दुःख में स्वयं की एक अंगुली,
        आंसू पोंछती है,

और सुख में दसो अंगुलियाँ
       ताली बजाती है,

जब स्वयं का शरीर ही ऐसा,
          करता है तो,

दुनिया से गिला-शिकवा
         क्या करना...!!

दुनियाँ की सबसे,
      अच्छी किताब,
              हम स्वयं हैं...

खुद को समझ लीजिए,
       सब समस्याओं का,
              समाधान हो जाएगा...!!!

प्रभात.........
         

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