बारिश की बूंदें........!! Hindi monsoon poem.....

बारिश की बूंदें,
जब तन को छु जाती है.........!

एक ठंडी लहर,
मन को जलाती है.................!
☔⚜👫⚜💞

बाँहों को मैं,
खुद में ही समेट लेता हूं...........!

 मानो जैसे तू,
मेरे सिने से लिपट जाती है........!
☔⚜👫⚜💞

हाथों को फैलाए जब,
धटाओं को मैं तकता हूं.............!

अपनी जुल्फें लहेराते हुए,
तब तू दिख जाती है..................!
☔⚜👫⚜💞

गिरती हुई बूंदें,
मानो कोई धुन सुनाती है.............!

गौर से सुनातो उसमें भी,
तेरे पायल की आवाज आती है......!
☔⚜👫⚜💞

यूँ तो सावन 
हर साल है आता.......................!

अब के सावन क्यों.?
तेरी याद बहोत आती है...............!
☔⚜👫⚜💞

प्रभात............
तेरा मेरा साथ रहे 👫

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