आज बहती हुई हवाओं से, एक सवाल पुछा मैंने.....! Hindi love poem.....

आज बहती हुई हवाओं से,
एक सवाल पुछा मैंने.....!

आसमा पर रहते,
मेरे महबूब का हाल पुछा मैंने.....!

पुछा हवाओं ने,
बता नाम क्या है उसका.....?

लाकर हंसी लबो पर,
एक अनकहा राज कहा मैंने.....!

पुछा हवाओं ने बता,
कैसा दिखता है उसका चेहरा.....!

झुका कर अपनी पलकों को,
कलिओं का गुलाब कहा मैंने.....!

पुछा फिर हवाओं ने,
कहां रहती है वो भी बता दो.....!

उठकर अपनी पलकों को 
बुलंद आसमा कहा मैंने.....!

पुछा फिर हवाओं ने आखिर,
एसा महबूब है भी क्या.....?

फिर खुल के अपने,
ख्वाबों का हाल कहा मैंने.....

कहने लगी हवाएं उफ,
इतनी मोहब्बत कोई करता है क्या.....?

तो हंसते हुए लबो से,
मेरा नाम कहा मैंने.....!

हसने लगी हवाएं और,
कहने लगी वाह रे दीवाने.....!

बरसों बाद किसी की,
मोहब्बत पर एतबार किया मैंने.....!

थाम ले अपने दिल को 
तेरा महबूब अब आनेवाला है.....!

सुनके ये अल्फाज़ लबो से,
आपका एहसान कहा मैंने.....!

चलने लगी हवाएं देकर,
मुझे ये आखिरी पैगाम.....!

जाती हुई उन हवाओं को,
खुदा का सलाम किया मैंने.....!


प्रभात.....✍
तेरा मेरा साथ रहे 👫

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