अपने प्यार की लीखुं मैं रोज पाती....... Hindi love poem

अपने प्यार की लीखुं मैं रोज पाती.......
मै हुं दिया तू है बाती...... 

साथ अपना हो ऐसा मेरे साथी......
सिप ‌मै जैसे हो मोती.......

मैं हुं दिया.....

तुझे पाया तो लगा मुझे ऐसे......
प्रित अपनी हो जैसे सदियों पुरानी.......

मैं हुं दिया.....

नाता जन्मों का तुझसे ही जोड़ा......
हर जनम तू मिले ये दुआ है मेरी......

मैं हुं दिया.....

तेरे आने से रोशन हुई ये जिंदगानी......
बन के साया साथ चलना मेरे हमराही......

मैं हुं दिया.....

जलाए रखना ये ज्योत अपने प्यार की.....
मिल के दिया संग ओ मेरी ‌बाती......

मैं हुं दिया.....

देगी मिसाल एक दिन ये दुनिया हमारी......
लिखेंगे हम मिलकर अपनी प्रेम कहानी.......

मैं हुं दिया.....

अपने प्यार की लीखुं मैं रोज पाती.......
मै हुं दिया तू है बाती...... 


प्रभात.....

तेरा मेरा साथ रहे 👫

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem