मैं इसलिए मुस्कुरा लिया करता हूं....!!! Hindi suvichar

उलझने हैं बहुत,
पर इन्हें सुलझा लिया करता हूं...

फोटो खिंचवाने वक्त,
मैं अक्सर मुस्कुरा लिया करता हूं...

क्यूं नुमाइश करूं मैं,
अपने माथे के शिकन की...

मैं अक्सर मुस्कुरा कर,
इन्हें मिटा दिया करता हूं...

क्योंकि...........

जब लड़ना है खुद को खुद से ही तो,
हर जित में मैं कोई फर्क नहीं रखता हूं...

हारूं या जीतूं 
इसका मुझे कोई रंज नहीं है...

इसलिए........

कभी खुद को जिता देता हूं...
तो कभी खुद से जीत जाता हूं...

मैं इसलिए मुस्कुरा लिया करता हूं....!!

प्रभात............

Comments

  1. अति सुन्दर और बहुत बढिया लिखा है

    ReplyDelete
  2. Bahot khub drrrrr
    अति उत्तम विचार
    बहुत खुबसुरत वर्णन है
    सुप्रभात जी.... 😊
    Good morning
    Hv a great day jn
    Haste raho 🌹
    Muskurate raho... P😘
    👫💞GBU...

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem