परमात्मा सब जानता है......!!! Hindi suvichar

ख्वाहिशें इंसान की,
कहां सारी पुरी हो पाती है..….

ख्वाहिशों के पीछे भागते,
इंसान की जिंदगी बीत जाती है.....

बुढ़ापे में फिर सोचते हैं की,
जीवन में मैंने क्या किया......

मिली थी जो जिंदगी,
उसे अपने लिए कहां जिया......

जब देखा अपने से उपर वालों को,
तो लगा मेरे पास कुछ नहीं......

देखा जब अपने से नीचे वालों को,
तो लगा मुझे बहुत कुछ दिया......

हमें खुद की कोई खबर हो न हो,
पर वो सब की खबर रखता है......

किसे कितना और कब देना है,
परमात्मा सब जानता है......!!!

प्रभात..........

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